आईवीएफ का खर्च कितना होता है? (Cost of IVF and Breakdown in Hindi)

आईवीएफ का खर्च कितना होता है? (Cost of IVF and Breakdown in Hindi)

क्या आप आईवीएफ (IVF) के खर्चे के बारे में जानना चाहते हैं? आज हम आपको इसके बारे में सरल भाषा में समझाएंगे। आईवीएफ (IVF) एक ऐसी मेडिकल प्रक्रिया है जो निःसंतान दंपतियों के लिए संतान सुख पाने का रास्ता खोलती है। भारत में एक आईवीएफ साइकल का औसत खर्च ₹90,000 से ₹2,50,000 के बीच होता है। यह कीमत अलग-अलग शहरों और क्लिनिक्स में अलग-अलग हो सकती है।

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे महानगरों में यह खर्च थोड़ा अधिक हो सकता है। कीमत क्लिनिक की सुविधाओं, डॉक्टर के अनुभव और इलाज में इस्तेमाल होने वाली तकनीक पर निर्भर करती है। कई बार पहली बार में सफलता न मिलने पर दूसरे साइकल की जरूरत पड़ सकती है, जिससे कुल खर्च ₹4-6 लाख तक पहुंच सकता है।

इस ब्लॉग में हम आपको आईवीएफ से जुड़े सभी जरूरी पहलुओं के बारे में सरल भाषा में बताएंगे। हम समझेंगे कि आईवीएफ में क्या-क्या खर्चे शामिल होते हैं, किन बातों पर कीमत निर्भर करती है, और कैसे आप सही क्लिनिक चुन सकते हैं। साथ ही हम आईवीएफ से जुड़े कुछ आम सवालों के जवाब भी देंगे। पूरी जानकारी के लिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें!

आईवीएफ की लागत लाखों में जा सकती है, जिससे कई कपल्स भावनात्मक और आर्थिक रूप से टूट जाते हैं। पर क्या आपको पता है कि हर बार IVF ही एकमात्र रास्ता नहीं होता? Gynoveda के साथ जानिए आयुर्वेदिक तरीके से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण का तरीका—बिना सर्जरी, बिना महंगे खर्च के।

आईवीएफ में कौन-कौन से खर्च शामिल होते हैं? (Breakdown of IVF Costs)

भारत में आईवीएफ उपचार काफी लोकप्रिय हो गया है क्योंकि यहाँ उन्नत तकनीक, अनुभवी डॉक्टर और किफायती कीमतें उपलब्ध हैं। आईवीएफ के हर चरण का अलग खर्च होता है, जिसे समझकर आप बेहतर तरीके से बजट बना सकते हैं। आइए जानते हैं कि आईवीएफ में कौन-कौन से खर्च शामिल होते हैं।

1. जांच और परामर्श शुल्क

आईवीएफ की शुरुआत में डॉक्टर से सलाह लेनी होती है। इसमें प्रारंभिक परामर्श, सोनोग्राफी और ब्लड टेस्ट शामिल होते हैं। इस चरण का खर्च आमतौर पर ₹5,000 से ₹10,000 तक होता है।

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2. हार्मोनल दवाइयां और इंजेक्शन

इस चरण में अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए विशेष दवाइयाँ दी जाती हैं। ये दवाएँ काफी महँगी होती हैं। इन दवाओं की कीमत ₹50,000 से ₹80,000 तक हो सकती है। कई बार इन IVF इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे हल्की सूजन या थकान।

3. एग रिट्रीवल और फर्टिलाइजेशन

इस प्रक्रिया में अंडाणु को निकालकर लैब में शुक्राणु के साथ मिलाया जाता है। इसका खर्च ₹30,000 से ₹50,000 के बीच होता है।

4. एम्ब्रायो ट्रांसफर

निषेचित अंडे (भ्रूण) को गर्भाशय में स्थापित करने की इस प्रक्रिया की लागत ₹20,000 से ₹40,000 तक होती है।

5. लैब और एनेस्थीसिया चार्ज

आईवीएफ में लैब में किए जाने वाले विभिन्न टेस्ट जैसे एम्ब्रायो कल्चर, आईसीएसआई आदि का खर्च ₹20,000 से ₹30,000 तक हो सकता है।

आईवीएफ कराते वक्त अतिरिक्त सेवाओं का खर्च (Cost of Additional IVF Services)

आईवीएफ (IVF) एक ऐसी प्रक्रिया है जो कई दंपतियों को माता-पिता बनने में मदद करती है। लेकिन कई बार, सामान्य आईवीएफ प्रक्रिया के अलावा कुछ अतिरिक्त सेवाओं की भी जरूरत पड़ सकती है। ये सेवाएं मरीज की विशेष जरूरतों के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं और इनकी लागत आईवीएफ की कुल कीमत को बढ़ा देती है।

कुछ विशेष स्थितियों में, आईवीएफ के साथ अतिरिक्त सेवाएं जरूरी हो सकती हैं:

कई बार डॉक्टर आईवीएफ के साथ कुछ खास प्रक्रियाएं भी कराने की सलाह देते हैं। 

  • इनमें ICSI (इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन) शामिल है, जिसकी कीमत ₹50,000 से ₹80,000 तक हो सकती है।

  •  भ्रूण को सुरक्षित रखने के लिए भ्रूण फ्रीज़ करने (Embryo Freezing) की लागत ₹30,000 से ₹50,000 तक होती है। 

  • वहीं, फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर (FET) की प्रक्रिया पर ₹40,000 से ₹60,000 तक खर्च आ सकता है। 

  • अगर डोनर एग या स्पर्म की जरूरत पड़े, तो इसकी कीमत ₹50,000 से ₹1,50,000 तक हो सकती है। सरोगेसी का विकल्प चुनने पर ₹10 लाख से ₹15 लाख तक का खर्च आ सकता है।


आईवीएफ की लागत को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं? (Factors Affecting IVF Cost)

आईवीएफ की प्रक्रिया में कई बातों का खर्चा शामिल होता है। यह कोई एक फिक्स्ड कीमत वाली चीज नहीं है। अलग-अलग जोड़ों के लिए इसकी लागत अलग-अलग हो सकती है। आइए समझते हैं कि कौन-कौन सी बातें इसकी कीमत पर असर डालती हैं। PCOS जैसी स्थितियों में खर्च बढ़ सकता है। ऐसे मामलों में IVF से पहले आयुर्वेद से PCOS का इलाज भी एक प्रभावी विकल्प हो सकता है।"

1. महिला की उम्र और मेडिकल कंडीशन

जवान महिलाओं में आईवीएफ जल्दी सफल होता है। 35 साल के बाद सफलता दर कम हो जाती है, जिससे कई साइकल चलाने पड़ सकते हैं। PCOS या एंडोमेट्रियोसिस जैसी बीमारियों से भी खर्च बढ़ सकता है।

2. कितने साइकल की जरूरत है

कई बार पहले साइकल में सफलता नहीं मिलती। दूसरे या तीसरे साइकल की जरूरत पड़ने पर कुल खर्च दोगुना-तिगुना हो जाता है।

3. एडवांस टेक्नोलॉजी की जरूरत

सामान्य आईवीएफ से ज्यादा ICSI, PGT जैसी तकनीकें इस्तेमाल करने पर अलग से खर्च आता है। ये विशेष तकनीकें कुछ खास मामलों में ही इस्तेमाल की जाती हैं। अगर शुक्राणु की गुणवत्ता कम हो तो ICSI की जरूरत पड़ सकती है। जानिए पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है

4. क्लिनिक की लोकेशन और प्रतिष्ठा

महानगरों (दिल्ली, मुंबई) के बड़े क्लिनिक्स में खर्च ज्यादा होता है। गांव-कस्बों की तुलना में यहां कीमत 50% तक अधिक हो सकती है। अच्छी सफलता दर वाले क्लिनिक भी थोड़े महंगे होते हैं।

5. हार्मोनल दवाइयों का प्रकार

आईवीएफ में इस्तेमाल होने वाली दवाएं काफी महंगी होती हैं। हर महिला को अलग मात्रा में दवा की जरूरत पड़ती है। कभी-कभी यह दवाइयां ही कुल खर्च का आधा हिस्सा होती हैं।

इन सभी कारकों को ध्यान में रखकर ही आईवीएफ की सही लागत का अंदाजा लगाया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि आजकल कई क्लिनिक EMI और लोन की सुविधा भी देते हैं।


IVF की लागत उम्र, हार्मोनल हेल्थ, क्लिनिक और दवाओं पर निर्भर करती है—और यह सब मिलकर इलाज को महंगा बना देते हैं। पर क्या आपने कभी IVF से पहले शरीर को संतुलित करने के प्राकृतिक तरीकों के बारे में सोचा है? Gynoveda की जड़ी-बूटियों और डॉक्टर की गाइडेंस से पाएं अपने शरीर में संतुलन—IVF से पहले नैचुरल कंसीव का प्रयास करें।

आईवीएफ में सफलता दर और उसके हिसाब से खर्च (IVF Success Rate and Cost Impact)

आईवीएफ की सफलता दर महिला की उम्र पर निर्भर करती है। 

  • 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में सफलता दर 50-60% होती है। 

  • 30 से 35 साल के बीच यह दर 40-50% रह जाती है। 

  • 35 से 40 साल की उम्र में सफलता की संभावना 30-40% तक ही रहती है। 

  • 40 साल से अधिक उम्र में यह दर सिर्फ 10-20% ही रहती है।

जब सफलता दर कम होती है, तो कई बार एक से ज्यादा साइकल की जरूरत पड़ सकती है। इससे कुल खर्च दोगुना या तिगुना तक बढ़ सकता है। इसीलिए सही समय पर इलाज शुरू करना और डॉक्टर की सलाह मानना बहुत जरूरी है।

इलाज के मेडिकल खर्च के अलावा भी कुछ खर्चे होते हैं जिन्हें भूलना नहीं चाहिए। अस्पताल आने-जाने का खर्च, काम से छुट्टी लेने के कारण आय में कमी, और कभी-कभी काउंसलिंग सेवाओं का खर्च भी इसमें शामिल होता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए तैयारी करनी चाहिए। सही उम्र और स्वास्थ्य IVF की सफलता के लिए जरूरी है। अगर आप अंडाणुओं की गुणवत्ता बेहतर करना चाहते हैं, तो जानिए प्राकृतिक तरीके से अंडे की गुणवत्ता कैसे सुधारें।

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आईवीएफ खर्च कम करने के तरीके (Ways to Reduce IVF Cost)

आईवीएफ उपचार की लागत अक्सर जेब पर भारी पड़ती है, लेकिन कुछ स्मार्ट तरीकों से आप इस खर्च को काफी हद तक कम कर सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं:

सरकारी या चैरिटेबल अस्पताल

सरकारी अस्पतालों और चैरिटेबल संस्थानों में आईवीएफ उपचार निजी क्लीनिकों की तुलना में काफी सस्ता होता है। कई राज्य सरकारें इस पर सब्सिडी भी देती हैं। हालांकि, इनमें वेटिंग लिस्ट लंबी हो सकती है और अपॉइंटमेंट में समय लग सकता है। फिर भी, धैर्य रखकर आप इस विकल्प से लाखों रुपये बचा सकते हैं।

स्वास्थ्य बीमा योजनाएं

आजकल कई बीमा कंपनियां आईवीएफ उपचार को कवर करती हैं। अपनी पॉलिसी को अच्छी तरह चेक करें और बीमा एजेंट से विस्तृत जानकारी लें। कुछ पॉलिसी में आंशिक भुगतान का प्रावधान होता है जो कुल खर्च को 30-40% तक कम कर सकता है।

EMI या इंस्टॉलमेंट

अधिकांश आधुनिक आईवीएफ केंद्र अब लोन और EMI की सुविधा प्रदान करते हैं। इससे आपको एकमुश्त भुगतान करने की बजाय 6-12 महीने में धीरे-धीरे भुगतान करने का विकल्प मिलता है। कई बैंक भी मेडिकल लोन पर कम ब्याज दर देते हैं।

पैकेज डील

कई प्रतिष्ठित क्लिनिक सम्पूर्ण आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए पैकेज डील ऑफर करते हैं। इसमें सभी जांचें, दवाएं, प्रक्रियाएं और फॉलो-अप शामिल होते हैं। यह विकल्प अलग-अलग भुगतान करने से 15-20% तक सस्ता पड़ सकता है।

समय पर फैसला लेना

35 साल की उम्र के बाद आईवीएफ की सफलता दर हर साल 5-7% कम होती जाती है। समय रहते निर्णय लेने से आपको कम साइकल में सफलता मिल सकती है, जिससे लंबे समय में खर्च कम होगा।


निष्कर्ष: खर्च जरूरी है, लेकिन योजना से संभाल सकते हैं|

आईवीएफ एक महंगी प्रक्रिया जरूर है, पर घबराएं नहीं! सही योजना और समय पर निर्णय लेकर आप इस खर्च को मैनेज कर सकते हैं। हर कपल की स्थिति अलग होती है, इसलिए इलाज शुरू करने से पहले सभी खर्चों के बारे में पूरी जानकारी जरूर लें।

अपने डॉक्टर से खुलकर बात करें और सभी विकल्पों को समझें। अलग-अलग क्लिनिक की तुलना करें और उनके पैकेज/EMI सुविधाओं के बारे में पूछें। थोड़ी सी रिसर्च और सही मार्गदर्शन से आप इस सफर को आसान बना सकते हैं।

याद रखें, अच्छी प्लानिंग और सही जानकारी से कोई भी खर्च संभालना आसान हो जाता है। आपका सपना पूरा हो, इसके लिए थोड़ी सावधानी और योजना बनाना जरूरी है!

आईवीएफ महंगा ज़रूर है, लेकिन अगर सही समय पर शरीर को आयुर्वेदिक रूप से तैयार किया जाए, तो अक्सर इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती। Gynoveda का उद्देश्य है हर महिला को नेचुरल पेरेंटहुड की तरफ एक मौका देना—वो भी घर बैठे, सुरक्षित और साइंस-बेस्ड आयुर्वेद से। IVF से पहले एक कोशिश Gynoveda के साथ करें—शायद यहीं से आपकी खुशखबरी की शुरुआत हो।


Frequent Asked Questions

हां, हर क्लिनिक का खर्च अलग होता है। यह डॉक्टर के अनुभव, क्लिनिक की सुविधाओं और इलाज के तरीके पर निर्भर करता है।

भारत में एक आईवीएफ साइकल की कीमत ₹1 लाख से ₹2.5 लाख तक हो सकती है। यह अलग-अलग कारणों से कम या ज्यादा हो सकती है।

ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस में आईवीएफ कवर नहीं होता, लेकिन कुछ नए प्लान में यह सुविधा शामिल होने लगी है।

ज्यादातर कपल्स को 1-3 साइकल की जरूरत पड़ती है। यह उम्र और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।

हां, आजकल कई क्लिनिक EMI विकल्प देते हैं। इससे मरीज आसान किस्तों में भुगतान कर सकते हैं।

ज्यादातर क्लिनिक पैसे वापस नहीं करते, लेकिन कुछ सफलता न मिलने पर अगले साइकल पर छूट दे सकते हैं।

कुछ सरकारी अस्पतालों में सस्ती आईवीएफ सुविधा मिलती है, लेकिन वेटिंग लिस्ट लंबी हो सकती है और सुविधाएं सीमित होती हैं।

कुछ क्लिनिक के पैकेज में सभी खर्च शामिल होते हैं, लेकिन कुछ में दवाओं और जांच का अलग से भुगतान करना पड़ सकता है।

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Banking Sector - Relationship Manager
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India
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Riya got married in 2014. After a year, she was diagnosed with ovarian cysts, and her doctor recommended medication followed by a laparoscopy. Her local doctors also prescribed 21-day pills, ...

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